दो साल पहले मेरी एक सबसे अच्छी दोस्त थी, उसका नाम मीना है, वह कुछ दिनों से कोरोना के कारण बहुत अकेला महसूस कर रही थी। शाम को वह खिड़की के पास बैठ कर ऑनलाइन लेक्चर और घर का और काम कर रही थी। और वह केवल यह महसूस कर रही थी ,बाहर का नजारा कैसा होगा । जब उसने सोचा कि थोड़ा नीचे जाकर टहलने जाऊं। और बाहर थोड़ी हवा ले लू , फिर वह चलते-चलते नीचे चली गई और बाहर देखा तो एक फुलवारी दिखी फिर उसने वहाँ जाकर देखा तो वहाँ बहुत सारे फूल थे। पेड़-पौधे थे, हरियाली थी, फिर वहाँ उसने एक गुलाब दिखा। जिसे वह बहुत प्यार करती थीम गुलाब को देखते ही उसे लगा, जैसे वह सपनों की दुनिया में कहीं खो गयी है , जिसका उसे वर्षों से इंतजार थी। जिसके साथ वह कुछ पल गुजरना चाहती थी। सारी दुनिया की खुशियों को उसने गुलाब में ही पा ली थी । फिर उसने सोचा कि वह यहाँ कुछ समय बिताऊँगी। लेकिन धूप इतनी तेज थी कि उसके सिर में दर्द होने लगा ।और वह कुछ देर पेड़ की छांव में बैठी रही। फिर शाम हो गई और वह घर जाने के लिए तैयार हुई, लेकिन उसका सुगंधित गुलाब का फूल उसे इतना मोहक था , कि वह फूल को तोड़कर घर ले जाना चाहती थी। इसलिए वह कैंची से फूल काटने ही वाली थी । कि उसके अंतरआत्मा से आवाज आई ,और वह सोचने लगी कि अगर मैं फूल ले लूं तो दो-तीन दिन में मुरझा जाएगा। बेहतर होगा कि मैं गुलाब का पेड़ घर पर ही लगाऊं। अगले दिन उसने बाजार जाकर एक गुलाब का पौधा खरीदा। फिर मिट्टी और खाद डालकर गमले को धूप में रख दिया। उस पेड़ पर रोज पानी डालती थी । फिर वह गुलाब धीरे-धीरे बढ़ने लगा और उसकी टहनियों में नए फूल आने लगे ,और खुशबू आ रही थी। मीना का आंगन अपनी सुगन्धित सुगंध से गुलाब महका रही थीं। मीना बहुत खुश हुई। अब वह रोज गुलाब के पौधों की देखभाल करती थी। साथ में पढ़ती थीं और रोज नई जानकारी प्राप्त करती थी।
ख्वाबों की दुनियां
नैतिक- हमें प्रत्येक कार्य सोच समझ कर ही करना चाहिए।।
मनीषा कुमारी
महाराष्ट्र।