हर बार टॉप फाइव में अंग्रेजी माध्यम ही आखिर क्यों? हिंदी क्यों नही ? डॉ. विक्रम चौरसिया ( क्रांतिकारी)
आज ये अंग्रेज़ी माध्यम का प्रभाव सामाजिक कुरीतियो से लेकर आयोग तक का सफर है, बचपन से बच्चा अंग्रेज़ी में तेज है तो उसे टैलेंट का दर्जा दिया जाता है और अब यह आयोग भी ,मेरे सभी सफल साथियों को शुभकामनाएं परंतु मैं टॉप फाइव में हिन्दी माध्यम के स्टूडेंट्स को भी देखना चाहता हूं , भेदभाव से काम नहीं चले…