सीखने के लिए शिष्य बना रहना जरूरी
सीखना मानव की जन्मजात प्रवृत्ति है लेकिन जब व्यक्ति में सीखने की इच्छा, सीखने की ललक, सीखने की जिज्ञासा, न हो तो वह व्यक्ति जीवन में कुछ नया सीख नहीं पाता है साथ ही सीखने के लिए एक इंसान को हमेशा शिष्य ही बना रहना चाहिए क्योंकि शिष्य बने रहने पर ही सीखा जा सकता है अगर व्यक्ति ने अपने मस्तिष्क में …