सीखने के लिए शिष्य बना रहना जरूरी
सीखना मानव की जन्मजात प्रवृत्ति है लेकिन जब व्यक्ति में सीखने की इच्छा, सीखने की ललक, सीखने की जिज्ञासा, न हो तो वह व्यक्ति जीवन में कुछ नया सीख नहीं पाता है साथ ही सीखने के लिए एक इंसान को हमेशा शिष्य ही बना रहना चाहिए क्योंकि शिष्य बने रहने पर ही सीखा जा सकता है अगर व्यक्ति ने अपने मस्तिष्क में …
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छात्र तनाव ना लें और अपने व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दें: राजीव मिश्रा
सावधान मूवमेंट की पहल पर लॉक डाउन के समय का सदुपयोग करने के टिप्स देने हेतु 'टीम लॉकडाउन परामर्श'  विभिन्न व्यक्तियों की प्रतिदिन काउंसलिंग कर रही है!  सावधान मूवमेंट के प्रमुख विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ सुधांशु राय ने बताया  कि डॉक्टर कामायनी शर्मा रुचि त…
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छात्र सकारात्मक दृष्टिकोण एवं आत्मविश्वास बनाए रखें: प्रीति पालीवाल
सावधान मूवमेंट की पहल पर लॉक डाउन के समय का सदुपयोग करने के टिप्स देने हेतु 'टीम लॉकडाउन परामर्श'  विभिन्न व्यक्तियों की प्रतिदिन काउंसलिंग कर रही है!  सावधान मूवमेंट के प्रमुख विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ सुधांशु राय ने बताया  कि डॉक्टर कामायनी शर्मा रुचि…
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लघुकथा - दूसरे दिन
देश ही नहीं विश्वभर में कोरोना वायरस (कोविड 19) से त्राहिमाम - त्राहिमाम मची थी | प्रधानमंत्री जी के आदेशानुसार देशभर में लॉक डाउन लगा दिया गया था | प्रधानमंत्री जी ने यह कड़ा कदम अपने देश वासियों की सुरक्षा को देखते हुए ही उठाया था | पुलिस प्रशासन कड़ी मेहनत व लगन से अपनी ड्यूटी निभा रहा था | कांस…
विजेता संकट के समय संयम नहीं खोते : रणनीति
सूक्ष्मता की तीव्रता बड़े संकट को आजाब दे सकती है सूक्ष्मता को दरकिनार करना बुद्धिमानों का काम नहीं होता। अब कोरोना का ही जिक्र करें तो इसकी सूक्ष्मता को कमतर आंकना कितनी बड़ी त्रासदी को जन्म दे गया । मानव प्रकृति से खिलवाड़ कर स्वयं के लिये संकट उत्पन्न करता है वैसे प्रकृति को भी राहत मिल गई होगी …
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एक अधूरी कोशिश
तुम्हें पाकर ये मेरा दिल हुआ है बेसबर ऐसे तुम्हारे होंठ से शबनम की बूंदें गिर रही जैसे हमारी याद में बसता है जो इक अस्क तेरा है तुम्हारे पास मैं आऊँ कभी मैं ख्वाब के जैसे            तुम्हें पाकर ये मेरा दिल हुआ है बेसबर ऐसे            तुम्हारे होंठ से शबनम की बूंदें गिर रही जैसे। तुम्हारी गेसुओं की…
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ग़ज़ल
पांव   चुभेंगे   उनके   नश्तर। ठीक न होगा जिनका रहबर।   हाल कहें हम किससे जाकर। हालत सबकी दिखती बदतर।   खोता  रहता  है  वो  अवसर। काम नहीं जोकरता टिककर।   घूम    रहा    कोरोना   बाहर। बन्द  सभी  हैं  घर के अन्दर।   कुछ   ऐसे    हालात  बने  हैं, रोती   धरती   रोता   अम्बर।              हमीद कानपुरी …
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कोरोना:- लॉक डाउन के बाद क्या हो रणनीति ?
किसी शायर ने क्या खूब कहा है--दर्द का हर लम्हा वक्त के साथ गुजर जाता है,बे-दर्द लम्हा वक्त के साथ निशान छोड़ जाता है जीवन में कुछ घटनाएं कुछ लम्हे कुछ वक्त ऐसा होता है जिनसे उभरने के पश्चात भी वह अपने निशान बाकी छोड़ जाते है जिसे योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर ही मिटा सकते है वर्तमान में न केवल भारत बल…
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संजय सिंह राजपूत को "नेशनल राजस्थान टीचर्स एक्सीलेंस अवार्ड 2020" के साथ मिले और कई सम्मान
युवा कवि, गीतकार समाजसेवी एवं "भारतीय अटल सेना राष्ट्रवादी संगठन" एवं " क्षत्रिय समाज एकता मंच युवा" में तेलंगाना प्रदेश महामंत्री है। बलिया जिले के ग्राम दादर थाना सिकंदरपुर निवासी संजय सिंह राजपूत को ट्री ग्रुप संस्था द्वारा "नेशनल राजस्थान टीचर्स एक्सीलेंस अवार्ड 2020 एव…
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रणनीति
रणनीति से हमारा अभिप्राय है किसी भी आपदा से निपटने के लिए योजनाबद्ध तरीका अपनाना। वर्तमान में कोरोना के प्रचण्ड वायरस ने समस्त विश्व में भयानक त्रासदी को अंजाम दिया है । कोरोना वायरस जहां असंख्य लोगों को काल का ग्रास बना चुका है वहीं मानव जीवन पर भी गहरे घाव दे गया है । देश के साथ साथ विश्व की विका…
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लॉकडाउन में दूरदर्शन को मिली संजीवनी, सभी चैनलों को पछाड़ बना नम्बर 1
संपूर्ण वैश्विक जगत में व्याप्त कोरोना महामारी से हमारा देश भी अछूता नही रहा । सरकार ने इस महामारी के खतरे को भांपते हुए शुरू से ही कड़े एवं कारगर कदम उठा लिए थे । उनमें से ही एक कदम सोशल डिस्टेन्स के साथ साथ लॉकडाउन अतिमहत्वपूर्ण माना जा रहा है । लॉकडाउन की वजह से अघौषित कर्फ्यू जैसे हालात हो गए । …
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दरवाजे पर दस्तक  
दरवाजे पर दस्तक भले ही हवाओं ने दी हो बावले मन को पग-पग दौड़ा जाती  बिदाई और यादों की राजदार नहीं होती है आँखे क्योंकि ये दुःख-दर्द की वेदना को पचा नहीं पाती ये आँखे बिना कहें बता जाती इनके रिश्तों को आँसू बन जब याद  बिटियाँ की आती ।              संजय वर्मा 'दॄष्टि' किसी   भी   प्रकार   की  …
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मनुष्य जाति का स्वार्थ पृथ्वी के रंग रूप लाता बदलाव
पृथ्वी बस एक नाम नहीं है। हमारे संपूर्ण जीवन का आधार है। उसके बाद भी सबसे ज्यादा नुकसान हमारे कारण से किसी को हो रहा है, तो वह हमारी पृथ्वी है। वह पृथ्वी जिसके बिना हम कुछ भी नहीं है। हमारे खाने-पीने रहने से लेकर हम अपने प्रत्येक कार्य के लिए पृथ्वी पर निर्भर है किसी ना किसी रूप में। पृथ्वी जमीन का…
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यादों के सहारे
उम्र आँखों की  खोया प्यार ढूंढने में बीत जाती उम्र आँखों की खोजता मजनू बन प्रकृति की बहारों में मुलाकाते होती थी गवाह बने वृक्षों तले डालियों पकड़े इंतजार पावों के छालों की परवाह फूलों को भी थी  फूलों ने बिछाए कारपेट आज बहारें फिर छा गई मगर तुम खो गई सोचता हूँ क्या इश्क भी बूढ़ा होता ? शायद कभी नहीं …
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धड़कन
धड़कन से पूछता जुबा नहीं होती  तो दिल का हाल कैसे बया करती तेरी नजदीकियां बहारों से पूछता  बिन हवाओं कौन रखता खुश्बू का हिसाब फूल नादाँ भोरें नादाँ गुंजन कर किसको देते संकेत कही तुम तो नहीं निकल रही आम के मोर और टेसू के फूल झांक रहे टहनियों की खिड़कियों से लगता एक नया मौसम ला रहा तुम्हारे आने का पैगा…
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इश्क
आप का प्यार झलकता है आँखो में, हमारा दिल मे तड़फ़ता है । आप हँसते हो खिलखिलाकर, हम मुस्करा कर जाँ लेते हैं ।   आप बुलाते हो  नैनों  के इशारों  से, हम बन्द पलकों से आप को आप से चुराते हैं । आप कह देते हो कि आप को हमसे प्यार है , हम प्यार का एहसास दिलाते हैं ।   आप  लेते  हो  साक़ी  के हाथ से  प्याला…
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जानकी का घर
कई वर्ष पश्चात दूरदर्शन पर धारावाहिक 'रामायण' के पुनः प्रसारण से कौशल्या देवी बहुत खुश थीं। सुबह के नौ बजते ही टेलीविजन के सामने हाथ जोड़ कर बैठ जाती थीं। आज रामायण देखते हुए वह अत्यंत भावविभोर हो रही थीं। सीता एवं लक्ष्मण को राम के संग वन जाते हुए देखकर कौशल्या देवी की आंखों से अश्रु प्रवा…
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भीड़ की हिंसा
16 अप्रैल की रात को पालघर, महाराष्ट्र में संतों के साथ हुई लीजिंग निःसंदेह निंदनीय है। भीड़ की हिंसा देश में भयावह बीमारी की तरह पाँव - पसारता जा रहा है। प्रशासन की मौजूदगी में भी इस तरह की घटनाएँ रूकने का नाम नहीं लेना, प्रशासन की लचरता का परिणाम है ।इस तरह की निंदनीय वारदात का बढ़ना ,निःसंदेह न्याय…
ग़ज़ल
तू नहीं और तेरा ख़्याल नहीं ज़िंदगानी में अब वबाल नहीं जंग लड़ना मुझे गवारा पर बेबसों को बना के ढ़ाल नहीं ऐसे लीड़र को लानतें भेजो चल सका जो सियासी चाल नहीं पा लिया जो ख़ुदा की रहमत थी खो दिया तो किया मलाल नहीं भूख का मसअला सुलझ जाए इतना सीधा भी ये सवाल नहीं किसी   भी   प्रकार   की   खबर / रचनाये   हमे  …
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शरीर में रीढ़ की हड्डी में सुरक्षित स्पाइनल कॉर्ड की भूमिका
नई दिल्ली, शरीर में रीढ़ की हड्डी में सुरक्षित स्पाइनल कॉर्ड की भूमिका बिजली की तार की तरह है जैसे स्विच दबाने पर बल्ब जल जाता है लेकिन बल्ब तक बिजली तार द्वारा ही पहुंचती है ठीक इसी प्रकार शरीर के प्रत्येक कार्य को पूरा कराने में स्पाइनल कॉर्ड की भूमिका प्रमुख है नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल…
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