मां
मां पूरे कुनबे को, प्रेम सूत्र में बांधे रखती है, नि.स्वार्थ भाव से बच्चों का ,लालन-पालन करती है, अपने आंचल की छांव में सुरक्षित रखती है, खुद पतझड़ सहकर,सबको बहार देती है। मां से ही रंगीन सुबह , सुहानी शाम है , मां से ही जीवन में उत्थान है, ऋषि मुनि भी उनके आगे ,सिर झुकाते हैं, क्योंकि इस धरती…