“यादों का सफर"
घूमने जाना... वाह! सोच कर ही मन रोमांचित हो उठता है। घूमने जाना किसे पसंद नहीं? हम सभी घूमने जाने को सदैव ही तत्पर रहते हैं। रोजमर्रा की जिन्दगी, और आपाधापी भरी दिनचर्या से इतर जब भी हम कहीं यात्रा पर जाते हैं, मन आह्लादित हो उठता है। प्रकृति के करीब, प्राकृतिक सौंदर्य के करीब, नदी-पहाड़-झरने-समुद्…
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पुस्तक- मनोहर सूक्तियाँ
स्वतंत्र लेखक, विचारक और दार्शनिक श्री हीरो वाधवानी जी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। अजमेर, राजस्थान में जन्मे और फिलीपींस के निवासी वाधवानी साहब की विशिष्टता को साबित करने के लिए इतना ही काफी है कि वह विदेशी धरती पर बिना पढ़े कई कई घंटे प्रवचन देते रहते हैं, इससे पता चलता है कि वह केवल बुद्धिजीवी …
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सुखद जीवन का सार:-मनोहर सूक्तियां
मनोहर सूक्तियाँ जीवन का अनमोल,अलौकिक व अनूठा संग्रह है।आज के व्यस्त जीवन में एक प्रखर चिंतक व साहित्य मनीषी हीरो  वाधवानी जी ने सूक्तियों के जरिए अपने प्रखर चिंतन व सकारात्मक विचारों से जनमानस को अनमोल संग्रह दिया है।लेखक ने सूक्तियों में अपने जीवन के अनुभव को सरल व सहज रूप में अभिव्यक्त किया है, …
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साहित्य की अविरल प्रवाह है कैलाश झा किंकर की कौशिकी
समीक्षक- संजय कुमार अविनाश  फाल्गुन की विदाई के दिन पत्रिका कौशिकी का आगमन हुआ। अर्थात होलिका दहन के दिन मुझ तक पहुँच गई। होली के दिन मुझे उपन्यास अग्निलीक को पढ़ना था। किंतु, कौशिकी ने उसे पीछे छोड़कर अपने साथ ले गई। आवरण पृष्ठ पलटने के साथ ही उत्तर प्रदेश के नवांकुर अनुज अमन सिंह की तस्वीर दे…
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पुस्तक - मेरा गांव, मेरे खेत
अपने विचार, भावों और ख्यालों को पेश करने के लिए कविता का सहारा अनंत युगों से लिया जाता रहा है। प्राचीन काल में कविता छंद, लयबद्धता और अलंकार से युक्त होती थी लेकिन अब यह छंदमुक्त हो एक नई विधा में सामने आई है। इसी क्रम में, कवि श्री "अजित झा" जी की काव्य पुस्तक "मेरा गांव, मेरे खेत&q…
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(पुस्तक परिचय): कलम उठाने दो
राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत 'कलम उठाने दो' मोहन सिंह कुशवाहा की उन प्रारंभिक रचना एक है जो उन्होंने राजभाषा-हिन्दी के प्रचार-प्रसार के विभिन्न आयुध निर्मा कानपुर के प्रतिभा-खोज' अभियान के अन्तर्गत अपने प्रथम प्रयास के का में प्रस्तुत की थी। श्री मोहन, आज ओज और प्रेरक गीतों के एक स्थापि…
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त्रैमासिक "सृजन कुंज" का बाल साहित्य विशेषंक : महत्वपूर्ण उपलब्धि
श्रीगंगा नगर ,राजस्थान से प्रकाशित  प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका "सृजन कुंज"  का नवम्बर 2019 का अंक यों तो अब फरवरी 2020 में आ पाया है पर एक बात दावे से कहना चाहूंगा कि आज तक प्रकाशित विभिन्न पत्रिकाओं के "बाल साहित्य विशेषांक" को पीछे छोड़ दिया है। इसके सम्पादक  डॉ कृ…
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आदमी को जगाओ संसार तुम्हारा है।
कवि आशुतोष और ओटेरी सेल्वा कुमार लिखित संयुक्त काव्य संग्रह जिसका शीर्षक है "आदमी को जगाओ संसार तुम्हारा है"वर्तमान सामाजिक भावनाओं को व्यक्त करता है।इस पुस्तक में कुल पच्चास कविताएं शामिल हैं। जिनमें से आधी आशुतोष कुमार लिखित एवं आधी ओत्तेरी सेल्वा कुमार द्वारा लिखित है। दोनों कलमकार…
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"यादों की धरोहर" नामक पुस्तक की समीक्षा
स्वतंत्र लेखक और दैनिक ट्रिब्यून के पत्रकार और ब्यूरो चीफ रहे श्री कमलेश भारतीय किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। दर्जनों राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय सम्मानों से सुशोभित श्री कमलेश जी की अद्वितीय पुस्तक “यादों की धरोहर” का यह दूसरा संस्करण है। 135 पन्नों की किताब में 31 साक्षात्कार हैं। मात्र पांच महीनो…
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जीना इसी का नाम है (आलेख-संग्रह)
समीक्षक : ‌डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा  वर्तमान समय के सर्वाधिक सक्रिय लेखक, कवि, संपादक और प्रकाशकों में राजकुमार जैन 'राजन' का नाम बहुत ही सम्मान के साथ लिया जाता है। 'राजन' जी से मेरी कभी प्रत्यक्ष भेंट नहीं हुई, न ही कभी दूरभाष पर बात, परन्तु विगत पाँच-सात साल से निरंतर उनकी उत्कृष्ट…
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जीवन के हर पड़ाव के रिश्तों के भावों का खूबसूरत काव्य संग्रह है :-  एहसास रिश्तों का 
नन्दलाल मणि त्रिपाठी 'पीताम्बर '  'एहसास रिश्तो का' पुस्तक में इंसान के जीवन काल के हर मोड़ के दार्शनिक पहलुओं का सटीक व बेबाकी से अनुभव कराता काव्य संग्रह है जो देश के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री नंदलाल मणि त्रिपाठी 'पीताम्बर 'जी द्वारा रचित यह काव्य संग्रह उनके कोमल हृदय से नि…
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समीक्षा : ( सेतु समग्र - कविता संग्रह )
विष्णु खरे(मनासा) हिंदी कविता के बेशुमार प्रतिष्ठित कवियों में से एक बड़ा नाम - श्री विष्णु खरे जी । हिंदी साहित्य जगत में कविताओं को नया मोड़ प्रदान करने वाले, नई परंपरा को जन्म देने वाले साथ ही अपनी कविताओं से पाठकों के अंतर्मन को बड़ी ही सरलता और सहजता से छूने वाले उमंगमय कवि, बहुमुखी प्रतिभा के…
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जीना इसी का नाम है
प्रो. शरद नारायण खरे(मंडला)  वैचारिकता से ही उत्कृष्ट समाज की संरचना होती है, तथा इसी से समाज को चेतना प्राप्त होती है। जीवन मूल्यों का प्रवाह जब दु्रतगति से होता है, तभी जिंदगी को नवीन आयाम प्राप्त होते हैं। बात सही ही है कि जीवन का निर्माण करने के लिए हमें एक उत्कृष्ट व मौलिक नजरिये की आवष्यकता ह…
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(पुस्तक समीक्षा)ख्यालों का बागीचा
चाँदनी सेठी कोचर(झालावाड, राजस्थान)    साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित दीप देहरी लघुकथा संग्रह ,की लेखिका देश की ख्यातिनाम कवयित्री चाँदनी सेठी कोचर नई दिल्ली की कवयित्री है जिनके काव्य संग्रह की कृति ख्यालों का बागीचा मर कुल ग्यारह रचनाएँ जो सामाजिक विसंगतियों पर आधारित है।    चाँदनी सेठी कई साझा …
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राम गोपाल शर्मा के संपादन में हिन्दी को समर्पित बेजोड़ पत्रिका है आलोकपर्व 
श्री राम गोपाल शर्मा(साहिबाबाद) यूपी के साहिबाबाद से संपादक श्री राम गोपाल शर्मा ,सलाहकार संपादक- प्रो. महेन्द्रपाल शर्मा, सहायक संपादक- ऋतुु श्रीवास्तव, प्रज्ञा रश्मि भारद्वाज, प्रबंध संपादक- आलोक शर्मा के संयुक्त संपादन में विगत सात वर्षों से प्रकाशित होने वाली राष्ट्रीय हिन्दी मासिक समाचार पत्रि…
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प्रखर गूँज साहित्यनामा 
विनोद कुमार विक्की(नई दिल्ली) नीलू सिन्हा, आरती प्रियदर्शिनी एवं लाल चंद्र यादव  के संपादन में साहित्य सृजन का उत्कृष्ट मंच है प्रखर गूँज साहित्यनामा                            देश की राजधानी दिल्ली से संपादक श्रीमती नीलू सिन्हा, आरती प्रियदर्शिनी एवं लाल चंद्र यादव  के त्रय संपादन  मे विगत वर्ष से…
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हास्य एवं व्यंग्य का बेजोड़ मिश्रण है रंदी सत्यनारायण की हाय ये दिल!
रन्दी सत्यनारायण राव देश के ख्यातिनाम वरिष्ठ साहित्यकार श्री रंदी सत्यनारायण राव अपनी तीक्ष्ण, पैनी और बेलाग लपेट लेखनी के लिए जाने जाते हैं। सोशल मीडिया पर उनकी बेलाग लपेट वाली तल्ख टिप्पणी से कई साहित्यकार उनसे कन्नी  काटते भी नजर आते हैं। बाल साहित्य से व्यंग्य लेखन तक उनकी लेखन कु…
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शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार का दिया गया प्रशिक्षण
मंजर आलम उदाकिशुनगंज (मधेपुरा) श्री अरविंद सोसायटी के तत्वावधान में बुधवार को मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत संकुल संसाधन केंद्र मंजौरा में शून्य निवेश नवाचार का प्रशिक्षण दिया गया। संकुल समन्वयक कुमार राजेश रंजन की देखरेख में प्रशिक्षण के पहले दिन प्रशिक्षक विजय कुमार ने शिक्षा में शून…
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(पुस्तक समीक्षा): दस विभूतियों के संघर्ष की पगडंडी से महानता के राजपथ की यात्रा है संजय अविनाश की कृति पगडंडी टू हाइवे
युवा साहित्यकार सह लघुकथाकार संजय कुमार अविनाश यूँ तो पेशा से एक दवा व्यवसायी है किन्तु प्रगतिशील साहित्य सृजन द्वारा सामाजिक,साहित्यिक आदि क्षेत्रों की बिमारियों का भी शानदार ट्रीटमेंट करते है।उनकी हालिया प्रकाशित पुस्तक पगडंडी टू हाइवे इसका जीता जागता उदाहरण है। पगडंडी टू हाइवे एक विद्यालय उस…
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